Diabetes in Hindi : मिठाई किसको नहीं पसंद होती, लेकिन यही मिठास खून में बढ़ जाए तो बीमारी का कारण बना जाती है। जी हाँ, मैं शुगर यानि की डायबिटीज की बात कर रही हूँ। आपको डायबिटीज हो न हो लेकिन दुनिया में हर 15 लोगों में से एक लोग तो डायबिटीज से जूझ रहे हैं।
और भारत की बात करें तो लगभग 6-7 करोड़ लोगों को यह है बीमारी है। और हैरानी की बात तो यह है की इनमें से आधे लोगों को पता ही नहीं है की उन्हे डायबिटीज है। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है की डायबिटीज आखिर होता क्या है?
डायबिटीज रक्त में ग्लुकोज की अधिक मात्रा बढ़ने से होता है। यह एक आजीवन रहने वाली बीमारी होती है। एक बार हो गई तो पूरी तरह से ठीक नहीं होती है। आजकल के समय में गलत खान-पान की वजह से यह बीमारी लगभग सभी हो रही है। इसलिए आज मैं आपको डायबिटीज क्या है, और क्यूँ होता है इसकी पूरी जानकारी दूँगी।
तो आप इस पोस्ट को पूरा ज़रूर पढ़िये।
Diabetes in Hindi- क्या है डायबिटीज/ मधुमेह?
डायबिटीज क्या है इन हिंदी: डायबिटीज यानि की मधुमेह यह रक्त में ग्लुकोज की अधिकता से होने वाली बीमारी है। ग्लूकोज शरीर के लिए एक तरह का शुगर होता है। यह मीठा होता लेकिन आप इसको चीनी ना समझें। जब भी हम कुछ खाते हैं तो हमारा पाचन तंत्र इसको ग्लूकोज में बदलता है। ये ग्लूकोज हमारी कोशिकाओं को ऊर्जा देता है। जिससे हमारा शरीर फुर्तीला रहता है।
डायबिटीज होने का मुख्य कारण हमारे शरीर में इंसुलिन का पर्याप्त मात्रा में ना बनना है। इंसुलिन एक प्रकार का हार्मोन होता है। जैसे की गाड़ी में पेट्रोल डालने के लिए पम्प की जरूरत होती है ठीक उसी तरह ग्लूकोज को रक्त कोशिकाओं तक पहुचाने के लिए इंसुलिन की जरूरत पड़ती है।
हम जो भी भोजन करते हैं वो कार्बोहाइड्रेट में बदलकर हमारी आमाशय में चला जाता है। और आमाशय कार्बोहाइड्रेट को रक्त शर्करा में बदल देता है।
इंसुलिन का काम इसी रक्त शर्करा (ग्लूकोज) को ऊर्जा में परिवर्तित करना है। जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है और हम अपनी रोजमर्रा के काम को करते है।
लेकिन जब हमारे शरीर में इंसुलिन नहीं बनाता है तो ये रक्त शर्करा खून में इकट्ठा होने लगती हैं। जो डायबिटीज यानि की रक्त शुगर का रूप ले लेती हैं।
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मधुमेह/डायबिटीज कितने प्रकार का होता है?
आमतौर पर मधुमेह/डायबिटीज दो प्रकार की होती हैं।
टाइप 1 डायबिटीज
टाइप 1 डायबिटीज इम्यून सिस्टम पर हमला करता है और इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। जिससे हमारा शरीर इंसुलिन बनाता ही नहीं है। इस तरह की डायबिटीज ज्यादातर बच्चों और कम उम्र के लोगों में देखी जाती है। और जिनको इस तरह की डायबिटीज होती है उनको अपने रक्त शर्करा की मात्रा (ग्लूकोज लेवल) को नियंत्रित करने के लिए रोजाना इंसुलिन का इन्जेक्शन लेना पड़ता है।
टाइप 2 डायबिटीज
ज्यादातर लोगों को जो डायबिटीज होती है वो टाइप 2 ही होती है। यानि की 100 में से 90 लोगों को टाइप 2 डायबिटीज है। इसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाती है। यह डायबिटीज ज्यादातर आनुवंशिक और गलत खान-पान की वजह से होती है।
यानि की यदि आपके परिवार में से किसी को डायबिटीज की समस्या है तो आपको भी होने की आशंका रहती है। यह मोटापे की वजह से भी होती है। इसमें दवाईयों, व्यायाम, और सही खान-पान से अपने शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित रखा जा सकता है। इसमें इंसुलिन इन्जेक्शन लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
इसके अलावा गर्भावस्था में अक्सर देखा जाता है के महिलाओं में ग्लूकोस की मात्रा बढ़ा जाती है और उनको डायबिटीज हो जाता है, इसे आराम से नियंत्रित किआ जा सकता है और इसे जेस्टेशनल डायबिटीज कहते हैं।
डायबिटीज के क्या कारण है?
जब शरीर रक्त में उपस्थित ग्लूकोज यानि की शुगर का उपयोग नहीं कर पाती है, तो शरीर में डायबिटीज की समस्या हो जाती है। यह निम्नलिखित कारणों से किसी भी व्यक्ति में हो सकती है।
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डायबिटीज के लक्षण
डायबिटीज के लक्षण इन हिंदी: शरीर में जब ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती है तो शुरुआत में ही पीड़ित व्यक्ति को डायबिटीज के कुछ लक्षण दिखने लगते है। हालांकि टाइप 2 वाले डायबिटीज में यह लक्षण काफी देर से दिखाई देते हैं। लेकिन जिनको टाइप 1 डायबिटीज होता है उनको शुरुआत में ही लक्षण दिखने लगते है और ये बहुत गंभीर भी होते हैं। ये दोनों तरह के लक्षण निम्नलिखित हैं।
डायबिटीज का उपचार
डायबिटीज के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसमें डॉक्टर कुछ जाँच लिखते हैं जिसके हिसाब से दवाईयां चलती है। ये जाँच इस प्रकार हैं-
टाइप 1 मधुमेह के उपचार
टाइप 1 डायबिटीज का कोई स्थायी उपचार नहीं है। इससे पीड़ित व्यक्ति को इसके साथ ही जीना पड़ता है। टाइप 1 डायबिटीज पीड़ितों का केवल एक उपचार है की वो अपने शरीर के ग्लूकोज को नियंत्रित रखने के लिए इंसुलिन का इन्जेक्शन लेते रहें।
टाइप 2 मधुमेह के उपचार
टाइप 2 डायबिटीज को कुछ दवा और नियमित व्यायाम और खान-पान का ध्यान रख कर नियंत्रित किया जा सकता है।
डायबिटीज में किस्से परहेज करें ?
डायबिटीज होने पर पीड़ित व्यक्ति को निम्न चीजों से परहेज रखना चाहिए ताकि ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित रहे। डायबिटीज के लक्षण दिखने पर निम्न चीजों से परहेज करें।
डायबिटीज में क्या खाएं?
डायबिटीज में खान-पान का बहुत अधिक ध्यान देना चाहिए। क्योंकि सही खान-पान से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है।
डायबिटीज के लिए फायदेमंद हैं ये दवाएं
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डायबिटीज में यह योग करें
टाइप 2 डायबिटीज पीड़ितों को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। इससे शरीर के हार्मोन नियंत्रित रहते हैं। और योग तो हर तरह की बीमारियों में शरीर को लाभ पहुँचाता है। डायबिटीज पीड़ितों को ये निम्न व्यायाम नियमित रूप से करना चाहिए।
कपालभाति
कपालभाँति से लगभग सभी लोग अवगत हैं। यह श्वास व्यायाम है जहाँ श्वास के नियमित अभ्यास से अग्नाशय को सक्रिय करने में मदद करता है। अग्नाशय पाचन तंत्र का एक हिस्सा होता है जो रक्त शर्करा (ग्लूकोज) को नियंत्रण के लिए इंसुलिन का निर्माण करता है।
करने की विधि:
सूर्य नमस्कार
इस व्यायाम से भी आप अवगत होंगे। हालांकि शुरुआत में इसको करना थोड़ा मुस्किल होता है। लेकिन यह पूरे शरीर को प्रभावित करता है। यह अग्नाशय को रक्त प्रवाह में बढ़ावा देता है। यह 12 योग से मिलकर बना है।
करने की विधि:
यह 12 योग से मिलकर बना है। दिए गये चित्र को देखकर आप इसको कर सकते हैं।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
इस आसान को करने से लीवर और अग्नाशय साहित विभिन्न अंगों की कार्य प्रणाली स्वस्थ रहती है। यह आसन इंसुलिन को बढ़ाता है और पाचन शक्ति को नियंत्रित रखकर शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है।
करने की विधि:
पश्चिमोत्तानासन
पसचिमोत्तानासन यानि की “बैठ कर आगे की ओर झुकना” है। यह गुर्दे को स्वस्थ रखता है और अग्नाशय के संचालन में सुधार लाता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
सम्बंधित प्रश्न
डायबिटीज होने से किस प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं बचाव के लिए क्या क्या करना चाहिए?
डायबिटीज होने पर कई सारे आम लक्षण दिखाई देते हैं। इसके शुरुआती दिनों में बार बार पेशब लगती है। और चोट लगने पर घाव जल्दी नहीं भरता है। इसमें लगातार वजन घटता रहता है। कमजोरी और थकान महसूस होता है। इसके बचाव के खान-पान सही से रखना चाहिए। अधिक मीठा और कार्बोहाइड्रेट से युक्त भोजन नहीं करना चाहिए।
शुगर की सबसे अच्छी दवा क्या है?
डॉक्टर्स द्वारा सामान्य रूप से मेटमोर्फिन, सुल्फनीरूलियस, मेगलिटिनॉइड्स, जीएसपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्टर दवाये दी जाती हैं। टाइप-2 डायबिटीज मरीजों को मेटमोर्फिन दवा सबसे पहले दी जाती है। यह शरीर में इन्सुलिन को बढ़ाकर ग्लूकोज को नियंत्रित करता है। पर यह दवा किसी डॉक्टर की सलाह से ही लें।
इसके अलावा घरेलू इलाज भी कर सकते हैं। जैसे की शुगर में जामुन बहुत ही अधिक फायदेमंद है। जामुन का बीज लेकर सुख लें और सूखें बीज को पीसकर दिन में 2 बार पियें आराम मिलेगा।
शुगर होने की क्या पहचान है?
शुगर होने की सबसे बड़ी पहचान है की शरीर थोड़ा भी काम करने पर थक जाता है। और इसके अलावा किसी भी तरह का घाव हो वो जल्दी नहीं ठीक होता है। आँख से भी ठीक से दिखाई नहीं देता है सब कुछ धूधला दिखता है।
इसमें बार बार पेशाब करने जाना पड़ता है।
मधुमेह से कौन सा अंग प्रभावित होता है?
मधुमेह के कारण शरीर के ये अंग प्रभावित होते हैं। मधुमेह रक्त में शर्करा बढ़ने की वजह से होता है। मधुमेह में सबसे अधिक आँख, किडनी और दिल प्रभावित होता है।
आँख : डायबिटीज से आंखों की रक्त कोशिकाओं के खराब होने का खतरा रहता है। रेटिना में भी छोटी-छोटी वेसल्स होती हैं, जिसमें शुगर बढ़ने पर सूजन आ जाती है। इससे अंधापन होने की भी संभावना रहती है। इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों में मोतियाबिंद की परेशानी भी होती है।
किडनी : डायबिटीज की वजह से किडनी को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। किडनी का काम है शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालना। लेकिन शुगर की वजह से किडनी की ये कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं। जिससे किडनी भी खराब होने का खतरा बना रहता है।
दिल : डायबिटीज से रक्त कोशिकाएं ठीक से काम नहीं कर पाती हैं। इसमें रक्त का थक्का बनने लगता है जिससे दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा बढ़ जाता है।
त्वचा :डायबिटीज में त्वचा पर घाव होने पर जल्दी ठीक नहीं होता है जिसकी वजह से त्वचा पर संक्रमण होने का खतरा बना रहता है।
आखरी शब्द
डायबिटीज जिसे कई नाम से जाना जाता है। इसको शुगर, मधुमेह, डायबिटीज भी कहते हैं। यह व्यक्ति शरीर में किसी भी उम्र में हो सकता है। आज के समय में यह एक आम बीमारी हो गई है। यह एक आजीवन रहने वाली बीमारी है।
डायबिटीज में दर्द नहीं होता है। लेकिन इसकी वजह से शरीर के अन्य भाग प्रभावित हो जाते हैं। जैसे आँखों में मोतियाबिन्द होने का खतरा रहता है। डायबिटीज के शुरुआती दिनों में इसका पता नहीं चल पाता है। जिसकी वजह से यह बढ़ जाता है। इसलिए इस पोस्ट के माध्यम से मैंने डायबिटीज (मधुमेह) के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है। ताकि आपको इस समस्या से बचने और इसके इलाज में मदद मिल सके।
मुझे उम्मीद है की इस पोस्ट (Diabetes in Hindi) में दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आपको इससे संबधित कोई सवाल पूछना हो या कोई सुझाव देना हो तो आप कमेन्ट करके जरूर बतायें।