आज के भागदौड़ के दौर में पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्यां में कमी पायी जा रही है। गलत रहन-सहन,खान-पान और बढ़ते तनाव के कारन ये समस्या उत्पन होती है।
पुरुषों में शुक्राणु की कमी या बांझपन को नपुंसकता भी कहा जाता है और ऐसे पुरुषों में शुक्राणु की संख्या काफी कम होती है या फिर शुक्राणु सामान्य से कम होते हैं। इसलिए आज हम आपको बताएंगे शुक्राणु बढ़ाने की दवा पतंजलि के विषय में।
शुक्राणु की संख्या में कमी होना और शुक्राणु की गतिशीलता ना होना यह दोनों बातें पुरुषों के बांझपन का कारन है और ऐसे में पुरुष पिता बनाने की क्षमता नहीं रहती। इसी कारन उन्हें संतान की प्राप्ति नहीं होती है।
पुरूषों में बांझपन एक चिकित्सा समस्या है जिसके कारण उसकी महिला साथी (पत्नी) के गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है। यदि आप एक वर्ष से अधिक समय से संतान की प्राप्ति के लिए कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफल नहीं हुए हैं, तो संभव है कि आप या आपका साथी बांझ हों।
जब पुरुषों में ऐसी समस्या उत्पन होती है तो अक्सर इंटरनेट से शुक्राणु बढ़ाने की अंग्रेजी दवा ढूढंते रहते हैं और उसका सेवन करते रहते हैं। पतंजलि ने कई समस्याओं के लिए आयुर्वेदिक दवाएं बनाई है। जब पुरुषों में बांझपन और यौन समस्याओं की बात आती है, तो पतंजलि के पास इनका भी इलाज है। ये दवाइयां पूरी तरह से जड़ी-बूटी से बनाई जाती है जिससे कोई हानिकारक परिणाम नहीं होते।
अल्पशुक्राणुता (oligospermia) क्या है ?
अल्पशुक्राणुता पुरुषों में वीर्य में शुक्राणुओं की कम मात्रा कोण दर्शाने वाली एक समस्या है। आमतौर पर एक महिला को गर्भवती बनाने के लिए, पुरुष के वीर्य में शुक्राणु की संख्या सही मात्रा में होना आवश्यक होती है।
जैसे की अगर शुक्राणुओं की संख्या सामान्यतः १५ मिलियन शुक्राणु प्रति मिलीलीटर (एमएल) से कम होती है, तो ओलिगोस्पर्मिया स्थिति उत्पन हो जाती है। इसे पुरुषों में बाँझपन का एक कारन माना जाता है। २० में से १ पुरुष में ये समस्या पायी जाती है।
शुक्राणु कम होने की समस्या (अल्पशुक्राणुता) क्यों होती है ?
पुरुषों में अल्पशुक्राणुता की समस्या बढ़ाने के कारन उनका रहन-सहन और कुछ अन्य स्थितियां हो सकती हैं। जैसे की:
वैरीकोसेल
पुरुषों के अंडकोश में बढ़ती हुई नसें अंडकोष में रक्त प्रवाह में बाधा पैदा करती है और अंडकोश को नुकसान पहुँचा सकती हैं, इससे अंडकोष का तापमान बढ़ता है। बढ़ता तापमान शुक्राणु उत्पादन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने की लिए काफी है।
कम शुक्राणु संख्या या कम शुक्राणु गुणवत्ता वाले लगभग 40 प्रतिशत पुरुषों में यह सामान्य समस्या होती है। बार-बार बैठना, अपने जननांगों पर लैपटॉप रखना, और तंग कपड़े पहनना, ये सभी तापमान बढ़ने के कारन हो सकते है।
दवाएं
दवाएं शुक्राणुओं की संख्या कम कर सकती हैं, जैसे की एंटीबायोटिक्स और ब्लड प्रेशर की दवाएं स्खलन की समस्या पैदा कर सकती हैं।
हार्मोन
मस्तिष्क और अंडकोष ऐसे हार्मोन तैयार करते हैं जो स्खलन और शुक्राणु उत्पादन के लिए जिम्मेदार होते हैं। इनमें से किसी भी हार्मोन में संतुलन न होने के कारन शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है।
रसायनों और धातुओं के संपर्क में आना
रसायनों, विकिरण और भारी धातुओं के संपर्क में आने से शुक्राणुओं का उत्पादन कम हो सकता है। सीसा जैसी भारी धातुओं के संपर्क में आने से भी यह समस्या हो सकती है। कीटनाशक, साफ़ करने के यंत्र और पेंटिंग सामग्री कुछ ऐसे रसायन हैं जो शुक्राणुओं की संख्या को कम कर सकते हैं।
शुक्राणु की संख्या कम होने की समस्या के कुछ और भी कारन होते है जैसे की:
- संक्रमण (यौन संचारित रोग)
- ट्यूमर
- एंटी-शुक्राणु एंटीबॉडी
- गुणसूत्र दोष
- चोट, जख्म या आघात
- शराब और नशीली दवा का सेवन
- धूम्रपान
- मोटापा
शुक्राणु बढ़ाने के उपाय
शुक्राणु बढ़ाने के लिए कुछ बातें ध्यान में रखना जरुरी होता है:
- धूम्रपान और शराब का सेवन न करें
- कोई भी ऐसी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें जो दवाएं शुक्राणु की संख्या को असर कर सकती है
- वजन कम रखें
- तनाव से बचें
- तंग कपड़े न पहने
- एक स्वस्थ सेक्स जीवन अपनाएं
- सही दवाएं जैसे की शुक्राणु बढ़ाने की दवा पतंजलि और हार्मोन के उपचार के साथ, कुछ हद तक शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
- रोजाना व्यायाम, योग से एक अच्छी और स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने से कुछ हद तक शुक्राणुओं की संख्या में बढ़त हो सकती है। भारी धातुओं, रसायनों, और किटकनाशकों के संपर्क में आने से बचे।
पौष्टिक आहार
शुक्राणु बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार जरुरी होता है। हम क्या खाते-पीते है इसका असर हमारे स्वस्थ पड़ता है और पुरुषों में य शुक्राणु की कमी की समस्या उत्पन हो जाती है। इस समस्या से बचने के लिए पौष्टिक और सात्विक आहार अपनाकर शुक्राणु बढ़ाए जा सकते है।
देखते है शुक्राणु बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार
रोज के खाने में हम गेहूं, रागी, बाजरा, पुराना चावल हर तरह की दाल जैसे मुंग दाल, अरहर की दाल, मसूर दाल, सोयाबीन, उड़द दाल, चना दाल का सेवन कर सकते है। अंडे का सेवन करें और खट्टा और तला-भुना खाना न खाएं ऐसा करने से y शुक्राणु में काफी बढ़त देखने मिलती है।
साथ ही फल और सब्जिया जैसे अनार, आम, गाजर, कददू के बीज, लौकी, करेला, ब्रोकली, खजूर, बादाम, अंजीर खाने से भी शुक्राणु की संख्या बढ़ती है।
इसके अलावा दूध या दूध से बने पदार्थ जैसे पनीर, दही, मावा, राबड़ी और किशमिश, मिश्री, गिलोय, मूंगफली, डार्क चॉकलेट ये सारे पदार्थों का सेवन करने से y शुक्राणु में बढ़त होती है।
योग
रोजाना योग साधना,आसन और प्राणायाम करने से शरीर के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ स्वास्थ रहता है। अगर आप मानसिक रूप से स्वस्थ है तो आपके शुक्राणु की कमी दूर हो सकती है और गुणवत्ता में भी सुधार आ सकता है।
शुक्राणु की संख्या बढ़ाने के लिए कुछ योग और आसन :
योग: कपालभांति, बाह्यप्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीथ, उज्जायी, प्रनव जप
आसन: गोमुखासन, बज्रासन, सूर्यनमस्कार, कन्धरासन, पश्चिमोत्तानासन, हलासन, सर्वांगासन, सेतुबंधासन, धनुरासन
नियमित रूप से योग और आसन से शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मदद मिलती है।
य शुक्राणु बढ़ाने की दवा पतंजलि- दिव्या शुद्ध कोंच बीज चूर्ण
दिव्या शुद्ध कोंच बीज चूर्ण एक शुक्राणु बढ़ाने की दवा पतंजलि है। शुद्ध कोंच बीज चूर्ण पुरुष बांझपन को ठीक करता है, शारीरिक इच्छाओं को बढ़ाता है और शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में सुधार करता है।
यह दवा कोंच के अर्क से बनाई गई है और इसका कोई नुकसान नहीं है। प्राकृतिक आयुर्वेदिक इलाज की अच्छाई का अनुभव करें। पतंजलि की यह दवा पुरुषों में नपुंसकता को दूर करती है।
सामग्री
कोंच- कोंच नपुंसकता, वातरोग में उपयोगी है। यह शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मदद करता है। इससे इंसान की कामशक्ति बढ़ती है। कोंच यौन इच्छा को बढ़ाता हैं।
कोंच का चूर्ण और तालमखाना का चूर्ण दूध के साथ में Y शुक्राणु बढ़ाने की दवा होते हैं।

कैसे सेवन करें
- 2 ग्राम कोंच के बीज के चूर्ण में 1 ग्राम गोखरू के बीज का चूर्ण तथा 5 ग्राम मिश्री मिला लें। इसे दूध के साथ खाने से शुक्राणु बढ़ते है।
- कौंच बीज तालमखाना के (2-4 ग्राम) चूर्ण में शक्कर मिला लें। इसे ताजे दूध के साथ पीलें। इससे कम X शुक्राणु की समस्या ठीक होती है।
- बराबर मात्रा में कोंच के बीज, गोक्षुर, अपामार्ग बीज, छिलका-रहित जौ और उड़द को लें। इसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 2-4 ग्राम की मात्रा में लेकर गाय के दूध में मिलाकर या पकाकर सेवन करें। इससे कामशक्ति में बढ़ोतरी होती है।
- 20-30 मिली उड़द के सूप में 1-2 ग्राम कोंच बीज का चूर्ण मिलाकर पीने से शुक्राणु की संख्या बढ़ती है।
- 2 ग्राम कोंच बीज और 2 ग्राम गोखरू में बराबर भाग मिश्री मिलाकर पीस लें। इसकी 1-2 ग्राम की मात्रा में शहद तथा दूध के साथ खिलाने से शुक्राणु में बढ़ोतरी होती है।
दिव्या शुद्ध कोंच बीज चूर्ण
- मात्रा: 200 ग्राम
- फॉर्म: पाउडर
- उपचार: यौन स्वास्थ्य
- कीमत: ₹170
फायदा
- शुक्राणु बढ़ाने की दवा पतंजलि दिव्य शुद्ध कोंच बीज चूर्ण पुरुषों में शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में उपयुक्त है।
- दिव्य शुद्ध कोंच बीज चूर्ण यौन जीवन शक्ति का स्तर और कामशक्ति को बढ़ाती है।
- शुक्राणु (X, Y) को बनाने में और उनकी परिपक्वता को बनाये रखने में उपयोगी है।
- पतंजलि दिव्य शुद्ध कोंच बीज चूर्ण मांसपेशियों के विकास के लिए भी उपयोगी है ।
नुक्सान
- पतंजलि दिव्य शुद्ध कोंच बीज चूर्ण का कोई दुष्प्रभाव नहीं बताया गया है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है।
- लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक हो सकता है।
- हालाँकि, Y शुक्राणु बढ़ाने की दवा पतंजलि दिव्य शुद्ध कोंच बीज चूर्ण का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
शुक्राणु बढ़ाने की वैकल्पिक आयुर्वेदिक दवाएं
Product | Detail |
---|---|
डाबर शिलाजीत गोल्ड | ताकत और सहनशीलता बढ़ाने के लिएशक्ति के लिए १६५/- (१० गोलियां) |
व्यास विर्य शोधन चूर्ण | शक्ति, सहनशक्ति, शक्ति, ऊर्जा और कमजोरी का मुकाबला करने में मदद करता है। २३८/- (१०० ग्राम) |
हिमालय टेन्टेक्स फोर्टे | पुरुषों में यौन दुर्बलता का वजीकारा उपचार ₹737 |
टिप्स और सावधानियां
- अगर आपको शुगर, हाई ब्लड प्रेशर है तो, पतंजलि दिव्या शुद्ध कोंच बीज चूर्ण को न लें क्योंकि इससे आपका स्वास्थ्य और भी ख़राब हो सकता है। ऐसे में आप आपके डॉक्टर से सही सलाह लेने के बाद इसका सेवन कर सकते है।
- पतंजलि दिव्या शुद्ध कोंच बीज चूर्ण की महिलाओं के इस्तेमाल की सलाह नहीं दी जाती इसलिए महिलाएं अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इसका इस्तेमाल करें।
- यह बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है।
- पतंजलि दिव्या शुद्ध कोंच बीज चूर्ण बार-बार लेने से इसकी आदत नहीं पड़ती फिर भी डॉक्टर से एकबार सलाह अवस्य ले।
शुक्राणुओं के समस्या से सम्बंधित सवाल
स्पर्म काउंट बढ़ाने की दवा कौन सी लेनी चाहिए ?
आम तौर पे इस्तेमाल किये जाने वाली कुछ शुक्राणु बढ़ाने की होम्योपैथिक दवाएं इस तरह है:
लायकोपोडियम क्लैवाटम
ये दवा उन लोगों के लिए असरदार है जो शारीरिक रूप से कमजोर है और उनका पाचनतंत्र कमजोर है। शीघ्रपतन, वैरीकोसेल, सामान्य कमजोरी, बदहजमी जिअसे लक्षणों में इसका इलाज किया जाता है।
आग्नस कास्टस
यह दवा जिन्हे बार-बार मस्से और थाइरोइड ग्रंथि की समस्या होती है उनके लिया उपयुक्त है।
फास्फोरिकम एसिडम
अधिक मानशिक और शारीरिक कमजोरी में इसका सेवन किया जाता है।
क्या खाने से शक्राणु ज्यादा बनाते है ?
अनार या अनार का जूस, ज़िंक युक्त आहार जैसे की फलियां, सीफूड, नट्स का सेवन करने से शुक्राणु ज्यादा बनते है। साथ ही पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, मेथी, कलौंजी का तेल, टमाटर अदि के सेवन से भी शुक्राणु बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
शुक्राणु की गतिशीलता कैसे बढ़ाएं ?
शुक्राणु की गतिशीलता के लिए उपाय
अश्वगंधा – शुक्राणु की गतिशीलता बढ़ाने का एक सही तरीका है अश्वगंधा । एक गिलास दूध में आधा चम्मच अश्वगंधा मिलाकर रोजाना सेवन करें। इसका सेवन दिन में दो बार किया जा सकता है। इसके अलावा अश्वगंधा की जड़ का जूस बनाकर भी पिया जा सकता है।
माका जड़– माका जड़ एक और लोकप्रिय जड़ी-बूटी है, जो हार्मोन के संतुलन का काम करती है। दिन में दो बार माका जड़ का सेवन करने से शुक्राणु की गतिशीलता बढ़ाने में नदद होती है। इसे पानी या प्रोटीन शेक के साथ भी लिया जा सकता है।
लहसुन– लहसुन एक शारीरिक सम्बन्ध बढ़ाने वाली औषधि है। लहसुन के सेवन से शुक्राणु की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। रोजाना लहसुन की एक से दो कच्ची कली का सेवन जरूर करें। इससे शुक्राणुओं की गुणवत्ता और गतिशिलता बढ़ाती है।
शुक्राणु की कमी से कौन सा रोग होता है ?
शुक्राणु के कमी के कारन माँ-बाप बनाने का सपना अधूरा रह जाता है। शुक्राणु की संख्या में कमी होना यह एक गंभीर समस्या है, जिसे ओलिगोस्पर्मिया कहा जाता है। वीर्य में शुक्राणु पूरी तरह से ख़त्म हो जाना मतलब एजुस्पर्मीए यानि की नील शुक्राणु की कमी।
आखरी शब्द
शुक्राणु की कमी के कारण कई जोड़ों का माँ-बाप बनाने का सपने पूरा नहीं हो पाता। इसके लिए कई सारी अंग्रेजी, होम्योपैथिक दवा का सेवन करते है। शुक्राणु बढ़ाने की दवा पतंजलि – दिव्य शुद्ध कौंच चूर्ण में शुक्राणु बढ़ाने का एक उत्तम इलाज है।
कौंच के जड़ का काढ़ा पिने से योनी के ढ़ीलेपन की समस्या दूर होती है। इसके अलावा शुक्राणु की कमी को कुछ घरेलु इलाज से भी दूर किया जा सकता है। साथ ही आर्गेनिक चीजों इस्तेमाल, विटामिन सी, जस्ता, फोलिक एसिड और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त पदार्थों का सेवन करें। तनाव से बचें और भरपूर नींद लें।