आदमी के बढती उम्र के साथ उसके घुटनों में दर्द होना एक आम समस्या है। घुटनों के दर्द को आयुर्वेद में जानू शूल भी कहते है। घुटनों में दर्द के कई कारन हो सकते है जैसे की चोट, अत्यधिक कसरत, कोई बीमारी, या आर्थराइटिस।
जोड़ों में सूजन, दर्द, ऐंठन कम उम्र में घुटनों का दर्द का कारन बन सकते है। शुरुआती दिनों में काम महसूस होने वाला दर्द अगर अनदेखा किया जाए तो दर्द बढ़ सकता है। यहाँ तक की आपको घुटने बदलने को भी कहा जा सकता है।
आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में कम उम्र में भी जोड़ों का दर्द होने लगा है। तो आज हम आपके लिए लाएं घुटने के दर्द का उपाय।
हमारे आयुर्वेद में घुटनों के दर्द के कारन के हिसाब से आयुर्वेदिक उपचार मौजूद है जैसे की बस्ती, लेप, अग्नि कर्म, रक्तमोक्षण, निदान परिवर्जन, स्वेदन, और विरेचन।
घुटनों के दर्द को आप जोड़ों में दर्द, सूजन, शरीर में अकड़न, मरोड़ और चलने-फिरने, उठाते-बैठते, खड़े होने में तकलीफ होना इन लक्षणों से पहचान सकते है।
घुटनों के दर्द से राहत पाने के लिए हम कई दवाइयों का सेवन करते है जिससे थोड़ी देर के लिए राहत मिलती है। लेकिन इसके लिए अगर आप घुटनों के दर्द होम्योपैथी उपाय, घुटने का दर्द उपाय आयुर्वेदिक तरीकों से कर सकते है, जिससे आपको काफी राहत मिलेगी।
इसके अलावा जल्दी राहत पाने के लिए आप घुटनों का दर्द उपाय पतंजलि दवा भी इस्तेमाल कर सकते है।
घुटने के दर्द कितने तरह के होते है ?
कई तरह से घुटने में दर्द हो सकता है जैसे किसी अपघात में लगी चोट से हो, घुटने की जोड़ों की हड्डियों में दर्द, लिगामेंट्स, कार्टिलेज को हानि पहुंचाने वाली बीमारी के कारन।
इसके अलावा भी झटका लगना या मोंच, जोड़ों में दर्द, हड्डियों का घिसना ये भी घुटने के दर्द में शामिल है। आर्थराइटिस, रूमेटोइड आर्थराइटिस, गठिया, गाउट इस तरह से भी घुटनों में दर्द होता है।
घुटने के पीछे दर्द का कारण
जोड़ों में सूजन, दर्द, ऐंठन कम उम्र में घुटनों का दर्द का कारन बन सकते है।घुटनों में दर्द का सबसे आम आम कारन है आर्थराइटिस और साइटिका। चोट, अत्यधिक कसरत, कोई बीमारी, आर्थराइटिस ये सब घुटने के दर्द का कारन है।
इसके अलावा घुटने के दर्द के अनेक कारण आयुर्वेद में बताये गए है जैसे की, संधिगत वात, आमवात, गठिया, साइटिका, स्पॉन्डालिसिस आदि। संधिगत वात जोड़ों और हड्डियों में वात जमने के कारन हो सकता है और शरीर का ज्यादातर भार पड़ने वाले अंग को या जोड़ों को समस्या उत्पन करता है।
गठिया वात दोष खून में खराबी होने के कारन होता है जिसमे तेज दर्द और सूजन का अनुभव होता है। वैसे ही साइटिका के कारन बहुत ज्यादा सूजन, दर्द या अकड़न होती है।
घुटने के दर्द का उपाय
ज्यादातर बुजुर्गों और बढाती उम्र के लोगों में घुटने का दर्द ज्यादा देखने को मिलता है। कभी कभी उठने-बैठने में भी तकलीफ होती है जिसके वजह से कोई भी काम करने में दिक्कत आती है।
इन सभी परेशानियों से बचने के लिए आजकल लोग अंग्रेजी दवाओं के घातक परिणामों से बचने के लिए पारम्परिक, प्राकृतिक इलाज, उपाय को पसंद आकर रहे है।
घुटनों के दर्द के अनुसार आप इलाज कर सकते है जैसे होम्योपैथिक उपाय – अर्निका मोंटाना, ब्रायोनिया अल्बा, लिडम पैलेस्टर, कॉस्टिकम जैसी होमियोपैथिक दवाइयां, आयुर्वेदिक उपाय जैसे – विरेचन, स्वेदन, बस्ती, अग्निकर्म, रक्तमोक्षण, निदान परिवर्जन जैसे उपाय शामिल है।
साथ ही आप आयुर्वेदिक दवाइयां जैसे की गुडुची, गुग्गुल, अरदक, अश्वगंधा, अरंडी, सर्जरी, इंजेक्शन, तेल, क्रीम का भी इस्तेमाल करके घुटनों के दर्द से रहत पा सकते है। इसके अलावा फिजियोथेरेपी की मदद से आप अपने घुटने के दर्द से काफी राहत पा सकते है।
घुटने के दर्द का उपाय — पतंजलि दिव्य पीड़ान्तक वटी
दिव्य पीड़ान्तक वटी एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका उपयोग जोड़ों के दर्द के इलाज के लिए किया जाता है। यह गठिया, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस और साइटिका जैसी समस्याओं के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है।
इसे आप मांसपेशियों में दर्द के इलाज के लिए भी इस्तेमाल कर सकते है। दिव्य पीड़ान्तक वटीजड़ी-बूटियों से बनाया जाता है जो उनके औषधीय गुणों के लिए मशहूर हैं।
पतंजलि दिव्या पीड़ान्तक वटी किसी भी मेडिकल स्टोर या पतजंलि स्टोर में आसानी से मिल जाने वाली दवा है। आपके उम्र के हिसाब से इसके सेवन की सलाह दी जाती है।
सामग्री
- अश्वगंधाअश्वगंधा सुजान को कम करने में मदद करती है। इसके सेवन से मांसपेशियों की शक्ति में सुधार आता है। अश्वगंधा कमजोरी दूर कर ताकद बढ़ाने में मदद करती है।
- गिलोयकिसी चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को काम करता है। साथ ही प्रतिकार क्षमता को बढ़ाता है। वात रोग गठिया और जोड़ों के दर्द के बहुत से लक्षणों के इलाज के लिए गिलोय का उपयोग किया जाता है।
- गुग्गुलचोट की बाद की सूजन को कम करने का काम करती है। इसके अलावा इसका उपयोग सामान्य सूजन और जोड़ों के दर्द में भी किया जाता है।
- हल्दीहल्दी में एंटीसेप्टिक, जीवाणुरोधी दवा है जिसके कई सारे रोगों के लाज में उपयोग है। सूजन या चोट की सूजन को काम करने में असरदार होती है। हल्दी इन्फेक्शन को रोखने में मदद करती है।
- दशमूलरूमेटाइड आर्थराइटिस को कम करने में मदद करता है। चोट लगने के बाद वाली सूजन को कम करने का काम करती है।
- सुरंजनसुरंजन का संक्रमण या चोट लगने से होने वाली सूजन के लिए उपयोग किया जाता है।
- मुक्ताशुक्ति भस्मरूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षणों और बीमारी को बढ़ने रोकता है।
फायदे
- पतंजलि दिव्य पीड़ान्तक वटी जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए फायदेमंद दवा है।
- गठिया, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करती है।
- यह दवा किसी चोट की वजह से होने वाली सूजन को कम करने में मदद करती है।
- पतंजलि दिव्य पीड़ान्तक वटी रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसे बीमारी को बढ़ने से रोकने का काम करती है।
नुक्सान
- गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलों को डॉक्टर के सलाह से ही इसका सेवन करना चाहिए।
- बच्चों के लिए इसका उपयोग नहीं किया जा सकता।
घुटने के दर्द की वैकल्पिक दवाई और तेल
Product | Detail |
---|---|
एमेवेटा नेचुरल पंचरत्न ऑयल | दर्द कम करता है। जोड़ों को मजबूत बनता है। सभी प्रकार की मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द के लिए उपयोगी है। लचीलेपन में सुधार करता है। |
डॉ ऑर्थो आयुर्वेदिक तेल | जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द को कम करता है। खिंचाव, मोच, जोड़ों में अकड़न और पीठ दर्द में भी उपयोगी है। |
हिमालय हड़जोड़ टेबलेट्स | अस्थि भंग, संधिगतवात में घुटने के दर्द में फायदेमंद। दर्द से राहत पाने में मदद करता है। |
अभयारिष्टम चतुरभुज तेल | जोड़ों दर्द से राहत पाने में मदद करता है। |
बैद्यनाथ महानारायण तेली | वात असंतुलन को कम करने में मदद करता है। जोड़ों का दर्द, सूजन को और अकड़न कम करने में मदद करता है। |
घुटने के दर्द से कैसे बचें ?
घुटने का दर्द एक आम समस्या है जो वयस्क, बुजुर्ग यहातक की काम उम्र के लोगों में भी पायी जाती है। घुटने के दर्द के पीछे अनेक कारन हो सकते है जैसे बीमारी,घांव या चोट, कोई सर्जरी, आर्थराइटिस, गठिया, साइटिका।
घुटने के दर्द से राहत पाने के लिए घुटने के दर्द की दवा, घुटनों के दर्द की टेबलेट, इंजेक्शन,तेल मालिश, बर्फ या गरम पानी से सेक, फिजियोथेरेपी जैसे उपचार की मदद ले सकते है। इसके अलावा आप आयुर्वेदिक उपचार जैसे पंचकर्म की मदद से घुटने के दर्द से बच सकते है।
कभी कभी दर्द के बढ़ जाने के कारन घुटने के दर्द से बचने के लिए घुटने बदलने की सर्जरी भी की जाती है जो की महंगी साबित हो सकती है। लेकिन कुछ आसान घरेलू उपाय, पतंजलि और घुटने का दर्द उपाय आयुर्वेदिक उपाय से आप आराम पा सकते है।
जोड़ों में बर्फ से सेंकने से सूजन और दर्द कम हो सकते है। जोड़ों को ढककर या लपेटकर रखें। टॉवल को गर्म पानी में भिगों कर सेंकने से घुटने के दर्द से आराम पा सकते है। अपन रोज के भोजन में गर्म तासीर वाले पदाथरों का सेवन ज्यादा करें क्योंकि इनसे दर्द और सूजन कम करने में मदद मिलती है।
नियमित रूप से अरंडी और नीम के तेल के मालिश से घुटने के दर्द से राहत मिलती है। घुटने के दर्द से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिएं।
घुटने के दर्द से सम्बंधित प्रश्न
घुटने मजबूत करने के लिए क्या खाएं ?
सुबह के समय होने वाली जोड़ों की अकड़न से बचने के लिए सैल्मन मछली खा सकते है। इनमे स्वस्थ फैट होते है जो सूजन को कम करते है। नियमित रूप से सोते समय हल्दी के दूध का सेवन अवश्य करें, इससे घुटने के दर्द से राहत मितली है और घुटने और हड्डियां मजबूत बनते है।
रोज रात के खाने के बाद आधा चम्मच मेथी दाने की पाउडर गर्म पानी के साथ लेने से घुटने के दर्द में आराम मिलकता है। इसके अलावा रोजाना खली पेट एक कली लहसुन दही के साथ खाएं से घुटने के दर्द से राहत मिलती है।
मूंग, तिल, मेथी, बाजरा, परवल, बैंगन, एलोविरा, लौकी, गाजर,पपीता, ब्रोकोली, शिमला मिर्च, अदरक, प्याज खाएं। साथ ही ग्रीन टिया का भी सेवन करें इससे सूजन कम होएं में मदद मितली है। अगर दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर की सलाह से आयुर्वेदिक दवा, या घुटनों के दर्द की टेबलेट खा सकते है।
घुटनों के दर्द में कौन सा व्यायाम करें ?
घुटनों के दर्द से राहत पाने के लिए और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आपको नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम करने से हड्डियों की ताकद बानी रहती है और शरीर स्वस्थ रहता है। घुटने और जोड़ों के दर्द के लिए तैराकी करना एक सबसे फायदेमंद व्यायाम है।
स्ट्रेचिंग के साथ कार्डियो व्यायाम आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही कुछ योगासान की मदद से भी आप घुटने के दर्द से राहत पा सकते है। इसके लिए आसन कुछ इस तरह है: वीरासन, मकरासन, मलासन, गुल्फ नमन आसन, जानु चक्रासन।
पैरों के घुटनों में दर्द हो तो क्या करना चाहियें ?
नियमित रूप से व्यायाम करने से पैरों के घुटनों में दर्द कम हो सकता है। ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिएं। आगा र आपके घुटनो में दर्द है तो आपको जोड़ों को चोट या मार से बचाकर रखना चाहिए।
इसके साथ-साथ दूध पीना, वजन को नियंत्रण में रखना, स्वस्थ आहार लेना, रोजाना व्यायाम करना जैसी आदतों को अपनाना चाहिएं। तलें हुए पदार्थ,शराब, धूम्रपान, चीनी का सेवन न करें।
रात के भोजन में आलू, खीरा, मूली, चना, भिंडी, अरबी, दही, राजमा इसका सेवन नहीं करना चाहिएं। रात के समय में चाय या स्वस्थ और हल्का भोजन करना चाहिएं। गतिशील रहने से पैरों के घुटनों के दर्द और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
आखरी शब्द
लोगों कम उम्र में घुटनों का दर्द होता है तो घुटनों के दर्द की कोई भी दवा खाकर कुछ देर के लिए राहत पा लेते है। लेकिन कोई भी जोड़ों या घुटनों के दर्द की दवा खाने से पहले घरेलु उपाय अपनाएं।
घुटनों के दर्द के पीछे का कारन जानकर डॉक्टर की सलाह से घुटने के दर्द आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक दवा या घुटनों के दर्द की टेबलेट लेकर भी घुटने के दर्द से बच सकते है।
सबसे असरदार और सहज घुटने के दर्द का उपाय पतंजलि दवा दिव्य पीड़ान्तक वटी का इस्तेमाल कर सकते है इससे आपको घुटनों और जोड़ों के दर्द में काफी राहत मिलेगी।
इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम करने से कम उम्र में घुटनों का दर्द से बचा जा सकता है। रोजाना व्यायाम करने से हड्डियां मजबूत और शरीर स्वस्थ बनता है।